Kidney Stones Overview (परिचय)
गुर्दे की पथरी जिसे अंग्रेजी में kidney stones कहते हैं, आज के समय में एक आम लेकिन जटिल स्वास्थ्य समस्या है। जब हमारे शरीर में मौजूद खनिज और लवण मूत्र में घुलने के बजाय जमा होने लगते हैं, तो वे छोटे-छोटे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठे होकर stones का निर्माण करते हैं। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जाती है, लेकिन पुरुषों में इसका खतरा अधिक होता है।
कई बार stones इतने छोटे होते हैं कि बिना किसी लक्षण के शरीर से बाहर निकल जाते हैं, लेकिन जब ये बड़े हो जाते हैं या मूत्र मार्ग में फँस जाते हैं, तो असहनीय दर्द, पेशाब में रुकावट, संक्रमण और कई अन्य गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।
Kidney Stones के लक्षण (Symptoms)
मुख्य लक्षण
- पीठ के निचले हिस्से या पेट के एक तरफ तेज दर्द (Renal colic)
- पेशाब में जलन या दर्द
- पेशाब में खून आना (Hematuria)
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब का रंग गहरा या बदबूदार होना
- मतली और उल्टी
अन्य लक्षण (Other Symptoms)
- बुखार और ठंड लगना (यदि संक्रमण हो जाए)
- पेशाब की मात्रा कम होना
- बेचैनी और घबराहट
- कभी-कभी बिना लक्षण के भी stones निकल सकते हैं, खासकर जब पत्थर बहुत छोटा हो।
लक्षणों की गंभीरता
Kidney stones के लक्षण उनके आकार, स्थान और मूत्र मार्ग में रुकावट पर निर्भर करते हैं। छोटे stones बिना दर्द के बाहर निकल सकते हैं, लेकिन बड़े kidney stones मूत्र मार्ग को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे असहनीय दर्द और अन्य जटिलताएँ हो सकती हैं। अगर पेशाब में खून आ रहा है या तेज दर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Kidney Stones के कारण (Causes)
किडनी स्टोन्स बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य हैं:
- शरीर में पानी की कमी (Dehydration): जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो मूत्र में खनिजों की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे stones बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- कैल्शियम, ऑक्सलेट, यूरिक एसिड आदि की अधिकता: ये तत्व मूत्र में अधिक मात्रा में होने पर क्रिस्टल बना सकते हैं।
- अधिक नमक, प्रोटीन या ऑक्सलेट युक्त भोजन: ज्यादा नमक और प्रोटीन kidney stones के खतरे को बढ़ाते हैं।
- मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता: मोटापा और कम सक्रिय जीवनशैली kidney stones के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
- आनुवांशिक कारण (Genetic Factors): अगर परिवार में किसी को kidney stones हैं, तो आपके लिए भी खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ दवाओं का सेवन: जैसे डाइयूरेटिक्स, कैल्शियम सप्लीमेंट्स आदि।
- बार-बार मूत्र संक्रमण (UTI): संक्रमण से स्ट्रुवाइट स्टोन्स बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ बीमारियाँ: जैसे गाउट, हाइपरपैराथायरॉइडिज्म, डायबिटीज़ आदि।
Types of Kidney Stones (किडनी स्टोन्स के प्रकार)
Kidney stones मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं:
1. कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन्स (Calcium Oxalate Stones)
यह सबसे सामान्य प्रकार के kidney stones हैं। ये कैल्शियम और ऑक्सलेट के मिलन से बनते हैं। पालक, चॉकलेट, नट्स, और चाय में ऑक्सलेट अधिक होता है। अगर आप इनका अधिक सेवन करते हैं, तो stones बनने की संभावना बढ़ जाती है।
2. यूरिक एसिड स्टोन्स (Uric Acid Stones)
यह उन लोगों में आम है जो ज्यादा प्रोटीन खाते हैं या जिन्हें गाउट की समस्या है। अम्लीय मूत्र में यूरिक एसिड क्रिस्टल बनाकर stones का निर्माण करता है।
3. स्ट्रुवाइट स्टोन्स (Struvite Stones)
ये आमतौर पर महिलाओं में बार-बार मूत्र संक्रमण के कारण बनते हैं। ये तेजी से बड़े होते हैं और किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
4. सिस्टीन स्टोन्स (Cystine Stones)
यह दुर्लभ प्रकार के kidney stones हैं, जो आनुवांशिक कारणों से बनते हैं। इसमें सिस्टीन नामक अमीनो एसिड मूत्र में अधिक मात्रा में आ जाता है।
अन्य प्रकार
कुछ मामलों में मिश्रित प्रकार के kidney stones भी पाए जाते हैं, जिनमें दो या अधिक तत्व शामिल होते हैं।
Risk Factors (जोखिम कारक)
stones के जोखिम को बढ़ाने वाले मुख्य कारक:
- कम पानी पीना
- अधिक नमक, प्रोटीन या ऑक्सलेट युक्त भोजन
- मोटापा
- पारिवारिक इतिहास (Family History)
- कुछ दवाएँ और सप्लीमेंट्स
- बार-बार मूत्र संक्रमण
- डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियाँ
- गतिहीन जीवनशैली (Sedentary lifestyle)
- पुरुषों में महिलाओं की तुलना में खतरा अधिक
Diagnosis of Kidney Stones (निदान)
Kidney stones का सही निदान बहुत जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:
- मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण
- ब्लड टेस्ट (कैल्शियम, यूरिक एसिड आदि)
- यूरिन टेस्ट (24 घंटे की यूरिन संग्रह)
- इमेजिंग टेस्ट (CT स्कैन, अल्ट्रासाउंड, X-ray)
- पास हुए स्टोन का रासायनिक विश्लेषण
Prevention(बचाव)
Kidney stones से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएँ:
- दिनभर में 2.5-3 लीटर पानी पिएँ, ताकि मूत्र पतला रहे और पत्थर बनने की संभावना कम हो
- ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चॉकलेट, नट्स, चाय आदि सीमित करें
- नमक, चीनी और रेड मीट का सेवन कम करें
- संतुलित आहार लें जिसमें पर्याप्त कैल्शियम हो, लेकिन सप्लीमेंट से बचें
- वजन नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम करें
- शराब और सॉफ्ट ड्रिंक से बचें
- डॉक्टर द्वारा बताए गए अनुसार दवाएँ लें और नियमित जांच कराएँ
Diet Plan for Kidney Stones (डाइट प्लान)
मरीजों के लिए डाइट प्लान:
क्या खाएँ (What to Eat)
- खूब पानी पिएँ (2.5-3 लीटर/दिन)
- नींबू, संतरा जैसे सिट्रस फलों का सेवन करें
- दूध, दही, पनीर जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (भोजन के साथ)
- हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज
- कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत (दालें, अंडा सफेद, मछली)
क्या न खाएँ (What to Avoid)
- पालक, चॉकलेट, नट्स, स्ट्रॉबेरी, चाय (ऑक्सलेट युक्त)
- रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, अधिक नमक
- सॉफ्ट ड्रिंक, कोला, शराब
- कैल्शियम सप्लीमेंट्स, जब तक डॉक्टर न कहें
विशेष सुझाव
- भोजन में कैल्शियम और ऑक्सलेट एक साथ लेने से ऑक्सलेट का अवशोषण कम होता है, जिससे stones बनने का खतरा घटता है।
- विटामिन सी की अधिकता से भी ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ सकती है, इसलिए इसका सेवन सीमित रखें।
Medication (दवाएँ)
इलाज के लिए निम्नलिखित दवाएँ दी जा सकती हैं:
- दर्द निवारक दवाएँ (Painkillers)
- अल्फा-ब्लॉकर्स (जैसे टेम्सुलोसिन), जिससे पत्थर आसानी से बाहर निकल सके
- मूत्र को क्षारीय या अम्लीय करने वाली दवाएँ, पत्थर के प्रकार के अनुसार
- यूरिक एसिड स्टोन के लिए ऑलोप्यूरिनोल
- संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक्स
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें
Treatment (उपचार)
इलाज के विकल्प:
छोटे पत्थर
- खूब पानी पीना, जिससे पत्थर अपने आप बाहर निकल जाए
- दर्द निवारक दवाएँ
बड़े या जटिल पत्थर
- मेडिकल एक्सपल्सिव थेरेपी (दवाओं से पत्थर बाहर निकालना)
- शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (SWL): पत्थर को टुकड़ों में तोड़ना
- यूटेरोस्कोपी (URSL): एंडोस्कोप द्वारा पत्थर निकालना
- पर्सक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटोमी (PCNL): सर्जरी द्वारा बड़े पत्थर निकालना
- संक्रमण या किडनी डैमेज की स्थिति में हॉस्पिटल में भर्ती
उपचार के बाद देखभाल
- डॉक्टर द्वारा बताए गए अनुसार दवाएँ लें
- पर्याप्त पानी पिएँ
- नियमित जांच करवाएँ
Home Remedies & Self-care (घरेलू उपाय और देखभाल)
- नींबू पानी, नारियल पानी, जौ का पानी
- अधिक पानी पीना
- संतुलित आहार
- डॉक्टर की सलाह से ही कोई घरेलू उपाय अपनाएँ
Complications of Kidney Stones (जटिलताएँ)
- मूत्र मार्ग में रुकावट
- बार-बार संक्रमण
- किडनी डैमेज या फेल्योर
- सेप्सिस (गंभीर संक्रमण)
Myths & Facts (मिथक और तथ्य)
- मिथक: Kidney stones सिर्फ पुरुषों को होते हैं
तथ्य: महिलाएँ भी प्रभावित हो सकती हैं, खासकर गर्भावस्था में। - मिथक: सिर्फ कैल्शियम युक्त भोजन से stones बनते हैं
तथ्य: संतुलित कैल्शियम जरूरी है, इसकी कमी भी नुकसानदायक है। - मिथक: एक बार पत्थर निकल गया तो दोबारा नहीं होगा
तथ्य: 50% मामलों में 10 साल के भीतर दोबारा हो सकता है।
Children & Kidney Stones (बच्चों में किडनी स्टोन्स)
बच्चों में भी kidney stones की समस्या बढ़ रही है, खासकर जब वे पर्याप्त पानी नहीं पीते या उनका आहार असंतुलित होता है। बच्चों में लक्षण वयस्कों जैसे ही होते हैं, लेकिन निदान और इलाज के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है।
Kidney Stones से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)
Q1: क्या kidney stones का इलाज बिना ऑपरेशन के संभव है?
हाँ, छोटे stones अक्सर दवाओं और खूब पानी पीने से अपने आप बाहर निकल सकते हैं। बड़े या जटिल kidney stones के लिए सर्जरी या अन्य प्रक्रियाएँ आवश्यक हो सकती हैं।
Q2: क्या kidney stones बार-बार हो सकते हैं?
हाँ, जिन लोगों को एक बार kidney stones हो चुके हैं, उनमें भविष्य में दोबारा होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए बचाव के उपाय अपनाना जरूरी है।
Q3: क्या घरेलू उपाय से kidney stones निकल सकते हैं?
छोटे stones के लिए खूब पानी पीना और नींबू पानी जैसे घरेलू उपाय फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन बड़े या जटिल पत्थरों के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
Q4: क्या डाइट से kidney stones को रोका जा सकता है?
संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और कुछ खाद्य पदार्थों से बचाव से stones बनने का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
Kidney Stones के लिए लाइफस्टाइल टिप्स
- रोजाना सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पिएँ।
- हर घंटे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पिएँ।
- फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएँ, जैसे वॉकिंग, योगा आदि।
- तनाव कम करें, क्योंकि स्ट्रेस भी शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है।
- समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाएँ।
Kidney Stones और Pregnancy
गर्भावस्था में kidney stones होना जटिलता पैदा कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को पानी की मात्रा बढ़ानी चाहिए और किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इलाज के लिए सुरक्षित विकल्पों का चुनाव डॉक्टर ही कर सकते हैं।
Kidney Stones के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय
- गोक्शुर, वरुण, पुनर्नवा आदि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ kidney stones के इलाज में सहायक मानी जाती हैं।
- लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक या घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
Kidney Stones: कब डॉक्टर के पास जाएँ?
- तेज या असहनीय दर्द
- पेशाब में खून आना
- बुखार और ठंड लगना
- पेशाब में रुकावट या पेशाब न आना
- उल्टी और कमजोरी
ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि ये गंभीर जटिलताओं के संकेत हो सकते हैं।
Kidney Stones के बाद जीवन
इलाज के बाद भी जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और डॉक्टर की सलाह का पालन करके आप भविष्य में kidney stones से बच सकते हैं।
Mayo Clinic: Official websites
Kidney Stones: Causes, Symptoms, Treatment in Hindi
निष्कर्ष:
Kidney stones एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जिससे समय पर बचाव और इलाज द्वारा बचा जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव, संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और नियमित जांच से kidney stones के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि आपको kidney stones के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्वयं दवा या घरेलू उपाय न अपनाएँ।
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